#TheKashmirFiles को लेकर सोशल मीडिया पर इतनी चर्चा क्यों?

 

“लेकिन क्या कश्मीरी पंडितों को वापस अपने घर, कश्मीर जाने का मौक़ा मिलेगा?”फ़िल्म ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ का ये इकलौता डायलॉग पूरी फ़िल्म की कहानी को बयां कर देता है.
सोशल मीडिया, राजनीतिक गलियारों, फ़िल्म और मनोरंजन इंडस्ट्री और यहां तक कि हमारे-आपके घरों में भी इस फ़िल्म का नाम लिया जा रहा है.
कश्मीरी पंडितों के कश्मीर से पलायन पर निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की यह फ़िल्म 11 मार्च को रिलीज़ हुई है. कई थियेटरों में फ़िल्म हाउसफ़ुल चल रही है. देश के चार राज्यों ने फ़िल्म को टैक्स-फ्री घोषित कर दिया है. संयोग से ये चारों राज्य (हरियाणा, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और गुजरात) बीजेपी शासित हैं. फ़िल्म के प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल हैं.
‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ की रिलीज़ से पहले आलिया भट्ट-संजय लीला भंसाली की फ़िल्म ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ रिलीज़ हुई थी और ये बात ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ के लिए चुनौती मानी जा रही थी.
दूसरी चुनौती साउथ के सुपरस्टार प्रभाष की फ़िल्म राधे-श्याम है. ये भी ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ के साथ रिलीज़ हुई है. बड़ी फ़िल्मों से टक्कर के बावजूद ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ फ़िल्म ने अभी तक 27 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार कर लिया है.
कोरोना महामारी के बाद बड़े पर्दे पर रिलीज़ हुईं कुछ ही फ़िल्में असर छोड़ पाई हैं. शुरुआती दिनों में ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ को जिस तरह की प्रतिक्रिया मिली है, उसके बाद सिनेमा जगत से जुड़े कारोबारियों ने इस फ़िल्म से बड़ी उम्मीदें लगा ली हैं.
इस बीच, फ़िल्म के विषय को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है.

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ये फ़िल्म 11 मार्च को रिलीज़ हुई और 12 मार्च को विवेक अग्निहोत्री की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक तस्वीर वायरल हो गयी.
फ़िल्म के प्रोड्यूसर अभिषेक अग्रवाल ने नरेंद्र मोदी के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का सौभाग्य मिला. और ख़ास यह रहा कि फ़िल्म #TheKashmirFiles के लिए उनसे तारीफ़ मिली. शुक्रिया मोदी जी.”
अभिषेक के इस ट्वीट को रि-ट्वीट करते हुए विवेक अग्निहोत्री ने लिखा, “मैं आपके लिए बेहद खुश हूं अभिषेक कि आपने भारत के सबसे चुनौतीपूर्ण सच को प्रोड्यूस करने का साहस दिखाया. #TheKashmirFiles की अमेरिका में स्क्रीनिंग होना, ये साबित करता है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया का मूड बदल रहा है.”
ये तस्वीर वायरल होने के बाद कई तरह की प्रतिक्रियाएं आयीं. कुछ में फ़िल्म को लेकर विवेक अग्निहोत्री की तारीफ़ की गईं. वहीं कुछ लोगों ने इसे राजनीति से दूर रखने की अपील की.

फ़िल्म को लेकर एक विवाद तब शुरू हुआ जब कॉमेडी शो के होस्ट कपिल शर्मा पर आरोप लगे कि उन्होंने ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ को अपने शो पर प्रमोट करने से मना कर दिया.
सोशल मीडिया पर लोगों ने कपिल शर्मा पर आरोप लगाया कि कपिल घबरा गए हैं और इसलिए उन्होंने फ़िल्म को प्रमोट करने से मना कर दिया.
फ़िल्म को लेकर एक विवाद तब शुरू हुआ जब कॉमेडी शो के होस्ट कपिल शर्मा पर आरोप लगे कि उन्होंने ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ को अपने शो पर प्रमोट करने से मना कर दिया.
सोशल मीडिया पर लोगों ने कपिल शर्मा पर आरोप लगाया कि कपिल घबरा गए हैं और इसलिए उन्होंने फ़िल्म को प्रमोट करने से मना कर दिया.
इसी ट्वीट पर एक कमेंट में कपिल शर्मा से पूछा गया कि क्या वे विवेक अग्निहोत्री को अपने शो पर आने का न्योता देंगे? हालांकि इसका जवाब कपिल शर्मा ने तो नहीं दिया लेकिन विवेक अग्निहोत्री ने ट्वीट किया,’नहीं.
क्रिकेटर सुरेश रैना ने 11 मार्च को एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था, “अब यह फ़िल्म आपके हवाले है. अगर यह फ़िल्म आपके दिल को छूती है तो मैं आप सभी से यह निवेदन करूंगा तो कि आप न्याय के अधिकार के लिए अपनी आवाज़ उठाइए. और कश्मीर में हुए नरसंहार के पीड़ितों का दर्द कम करने में मदद कीजिए.”
सुरेश रैना के इस ट्वीट पर कुछ लोगों ने जहां उनके समर्थन में ट्वीट किये, वहीं कुछ लोगों ने उन्हें ट्रोल भी किया.
कुछ लोगों ने ट्वीट किया है कि क्या हम गुजरात में मुसलमानों के नरसंहार की भर्त्सना करेंगे?
एक अन्य यूज़र ने भी कुछ ऐसा ही लिखा है-
कुछ लोगों ने दिल्ली दंगों पर भी चर्चा करने की बात कही है.
‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ की रिलीज़ के साथ ही गुजरात दंगों की भी चर्चा शुरू हो गयी है.
अभिनेता और फ़िल्म समीक्षक केआरके ने ट्वीट किया है, ‘विवेक अग्निहोत्री निश्चित तौर पर अगली फ़िल्म गोधरा पर बनाएंगे.’
एक अन्य ट्विटर हैंडल से लिखा गया है कि -जैसा कि विवेक अग्निहोत्री ने एक अच्छी फ़िल्म बनायी है और कश्मीरी पंडितों के दर्द को दिखाया है. तो अब मैं विवेक से उम्मीद करता हूं कि वे गुजरात दंगों पर भी फ़िल्म बनाएं और दिखाएं कि आख़िर सचमुच में क्या हुआ था.
फ़िल्म को लेकर सोशल मीडिया में लोग दो-धड़ों में बंट गए लगते हैं. कुछ लोगों ने फ़िल्म को सच्चाई बयान करने वाली बताया है तो कुछ लोग इसी बहाने गोधरा और अयोध्या जैसे मुद्दों को उठा रहे हैं.
बीजेपी के ज़्यादातर नेताओं ने फ़िल्म को शानदार बताया है और लोगों से इसे देखने की अपील की है.
दिल्ली दंगों के दौरान ख़ासतौर पर अपने उग्र भाषणों के कारण चर्चा में आए कपिल मिश्रा ने भी इस पर ट्वीट किया है.
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है, “देखिए, ताकि मासूम लोगों के खून से सना ये इतिहास दोबारा कभी दोहराया नहीं जाए.”
अमित मालवीय ने एक वीडियो क्लिप शेयर करते हुए ट्वीट किया है कि लोग थिएटर जाएं और फ़िल्म देखें.

Name of Shivraj Singh Chauhan agreed for the post of Chief Minister of MP

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि क्योंकि ये फ़िल्म अधिक से अधिक संख्या में देखी जानी चाहिए, इसलिए इसे टैक्स फ्री किया जा रहा है.
फ़िल्म कलाकारों ने भी ट्वीट करके फ़िल्म पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
अक्षय कुमार ने लिखा है, “उम्मीद करता हूं कि जल्दी ही फ़िल्म देख सकूं.”
साउथ एक्टर आर माधवन ने भी ट्वीट करके टीम को बधाई दी है और फ़िल्म देखने को लेकर उत्साह ज़ाहिर किया है.
मूवी रेटिंग साइट आईएमडीबी ने फ़िल्म को 10 में से 10 स्टार दिए हैं. इसका एक स्क्रीन-शॉट शेयर करते हुए स्वारा भास्कर ने लिखा है, “आईएमडीबी रेटिंग पर थ्रेड…”
कश्मीरी पंडितों के विस्थापन को लेकर सोमवार को केरल में कांग्रेस की इकाई ने जो ट्वीट किए थे उस पर बीजेपी सांसद के.जे. अल्फ़ोंस ने कहा है कि कांग्रेस ‘इतिहास को नहीं समझती है, उनके पास इसका टूटा-फूटा संस्करण है.’
उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘हर कोई जानता है कि सांप्रदायिक आधार पर सत्ता पक्ष की शह पर डेढ़ लाख कश्मीरी पंडितों को भगाया गया. उस समय कांग्रेस या उसकी समर्थन वाली सरकार थी.’
अल्फ़ोंस ने कहा, ‘कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने ऐसी स्थिति पैदा की जिसमें पंडित जी नहीं सकते थे, उनकी हत्याएं हुईं, उनकी ज़िंदगियों पर वास्तविक ख़तरा था इसलिए वो निकल आए. अनुच्छेद 370 हटने के बाद नाटकीय रूप से चीज़ें बेहतर हुई हैं.’

केरल की कांग्रेस इकाई के ट्विटर हैंडल से कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के मुद्दे पर सोमवार को कई ट्वीट किए गए.
एक ट्वीट में लिखा था, “कश्मीरी पंडितों के मुद्दे पर तथ्य: सामूहिक रूप से पंडितों ने गवर्नर जगमोहन के निर्देश पर घाटी को छोड़ा जो कि आरएसएस के आदमी थे. बीजेपी समर्थित वीपी सिंह सरकार के तहत पलायन शुरू हुआ था.”
“आतंकी हमलों के बाद पंडितों को सुरक्षा देने की जगह बीजेपी के अपने गवर्नर जगमोहन ने उन्हें जम्मू पुनर्स्थापित करने को कहा. पंडितों के परिवार की एक बड़ी संख्या सुरक्षित महसूस नहीं कर रही थी तो उसने डर में घाटी छोड़ दी.”
एक दूसरे ट्वीट में कांग्रेस केरल ने लिखा, “विस्थापन के दौरान अयोध्या के राम मंदिर के मु्द्दे पर बीजेपी देश में हिंदू-मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा कर रही थी. पंडितों के मुद्दे पर बीजेपी चुनावी लाभ के लिए एक नकली आक्रोश पैदा करती है.”
केरल कांग्रेस ने कहा है, ‘कल के ट्वीट के सभी तथ्यों पर वो आज भी डटी हुई’ है. ‘बीजेपी की हेट फ़ैक्ट्री’ ग़लत संदर्भों के साथ ट्वीट को सांप्रदायिक प्रोपेगैंडा के लिए इस्तेमाल कर रही है.
अगले ट्वीट में केरल की कांग्रेस इकाई ने लिखा, “बीजेपी के लिए कश्मीर हिंदू-मुस्लिम समस्या है. कांग्रेस के लिए यह अलगाववादियों और भारत के साथ खड़े लोगों के बीच एक लंबी लड़ाई है. इसलिए उन सभी कश्मीरियों का सम्मान करें जिन्होंने इस जंग में बलिदान दिया. कांग्रेस शांति लाई और पीड़ितों को पुनर्स्थापित किया. बीजेपी ने राजनीति के लिए इसे बर्बाद किया.”(बीबीसी से साभार )

 

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